.,हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला करों
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करो !
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करो !
बर्बाद होगा ये गरीब दोनों पहलूँ में
मेरे कच्चे घर पर तुम बरसात की तरह मिला करों !
मेरे कच्चे घर पर तुम बरसात की तरह मिला करों !
हलक-हलक जिक्र आएं हर सांस में तेरा
एक दफा तुम मुझको उस मुलाकात की तरह मिला करों !
एक दफा तुम मुझको उस मुलाकात की तरह मिला करों !
वक्त-बे-वक्त आ जाएँ राज भले ही सताने
मुझको
तुम हिचकियों के सिलसिलों में याद की तरह मिला करों !
तुम हिचकियों के सिलसिलों में याद की तरह मिला करों !
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला
करों
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करों.,.
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करों.,.
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला करों
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करो !
बर्बाद होगा ये गरीब दोनों पहलूँ में
मेरे कच्चे घर पर तुम बरसात की तरह मिला करों !
हलक-हलक जिक्र आएं हर सांस में तेरा
एक दफा तुम मुझको उस मुलाकात की तरह मिला करों !
वक्त-बे-वक्त आ जाएँ राज भले ही सताने मुझको
तुम हिचकियों के सिलसिलों में याद की तरह मिला करों !
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला करों
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करों
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भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करो !
बर्बाद होगा ये गरीब दोनों पहलूँ में
मेरे कच्चे घर पर तुम बरसात की तरह मिला करों !
हलक-हलक जिक्र आएं हर सांस में तेरा
एक दफा तुम मुझको उस मुलाकात की तरह मिला करों !
वक्त-बे-वक्त आ जाएँ राज भले ही सताने मुझको
तुम हिचकियों के सिलसिलों में याद की तरह मिला करों !
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब की तरह मिला करों
भटके हुएँ मुसाफिर को चांदनी रात की तरह मिला करों
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